बचपन से लेकर जवानी तक और वृद्धावस्था की शुरुआत होने के पहले हर शख्स अपने एक दैनिक रूटीन से बंधा रहता है लेकिन 60 वर्ष की आयु के उपरांत अधिकतम लोग रिटायरमेंट के पेटे में पहुंच जाते हैं ;
यही वह समय होता है ,यही वह संक्रमण काल होता है जब सीनियर सिटीजन को 24 घंटे का समय बहुत लंबा प्रतीत होता है कोई टाइम टेबल कोई कार्यक्रम का रूपरेखा तय नहीं रहती है जिसके चलते नाश्ते से लेकर खाने का टाइम नहाने का टाइम यह सब निर्धारित समय से आगे बढ़ जाता है और तब भी मानसिक शांति का पूर्ण अभाव बनता चला जाता है ऐसी स्थिति में वृद्धजन भूख ना लगने के नींद ना आने के जैसे लोगों से पीड़ित होने लगते हैं ।
बैतूल के नगर पालिका द्वारा संचालित नेहरू पार्क में वात्सल्य हास्य क्लब प्रातः 6:00 बजे समाज के अति संवेदनशील नागरिकों द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसमें ऐसे वृद्धजन आकर अपनी एक नियमित दिनचर्या की रूपरेखा तय कर लेते है क्योंकि जब वह सुबह 6:00 बजेवात्सल्य हास्य क्लब नेहरू पार्क पहुंचेंगेतो ऐसे वृद्धजन को इसके लिए उन्हें इस प्रात कालीन नई दिनचर्या के लिए स्वयं को लगभग 4:00 से 5:00 बजे सुबह उठाना पड़ेगा दैनिक दिनचर्या से लिपटकर 6:00 बजे उन्हें एक्सरसाइज में शामिल होना पड़ेगा जिसके चलते उन्हें लगभग 10 से 11 के बीच में भूख लगेगी ।व्यायाम करने से शरीर में एक नई स्फुर्ति का संचार होगा और उन्हें नींद भी अच्छी आएगी यही क्लब के 67 सदस्यों का कहना है देखिए राष्ट्रीय कल्चर सभी रिपोर्ट के सौजन्य से इन वीडियो को जिसमें आपको सीनियर सिविल सर्जन एक नए रूप में देखेंगे
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