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अपने साढ़े साती,ढैया एवम अन्य विपत्ति काल मे क्या शनिदेव को तेल चढ़ाकर सजा से मुक्ति मिल जाएगी!!!शायद नही!!!
न्याय के देवता शनिदेव अत्यंत दयालु है इसीलिए उन्होंने तपस्या कर भोले नाथ से मानव कल्याण के लिए ये वरदान प्राप्त किया है कि मानव के अनजाने में किये अज्ञात पापो की इसी जन्म में निवारण हेतु ढाई वर्ष का एवम सात वर्ष का परायश्चित अवधि प्रत्येक मनुष्य के जीवन मे आये ओर उस सजा को भोगकर मानव अपने आज्ञात पापो से मुक्त होकर अपने जीवन को इसी जन्म में सुखी कर अगले जन्म को भी संवार सकता है।लेकिन वाह!!!रे!!!मानव!!!अज्ञात पापो के अलावा अनन्य जान बूझ कर अनीति पूर्ण क्रिया-कलापो में लिप्त रहकर पापों की ढेरी गठड़ी बना लेता है और अपने प्रयाश्चित काल साढ़े साती और ढैया काल मे चुपचाप प्रयाश्चित करने के बजाय उसमे भी अपनी रिश्वतखोरी प्रवृति के अनुसार शनिदेव को प्रसन्न कर सजा में छूट का आकांक्षी रहता है जो कि किसी भी मैजिस्ट्रेट के लिए नीतिगत नही है…