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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र 80 किलोमीटर दूर स्थित जिले सीतापुर में एक ऐसा प्रसिद्ध स्थान है जिसका उल्लेख पुरातन काल से चली आ रही सत्यनारायण भगवान की कथा में होता रहा है। प्राचीन काल के ऋषि मुनियों ने अपनी तपस्या के लिए पृथ्वी में अरण्यों की खोज की है। पूरी पृथ्वी पर 7अरण्यों की खोज की गई है जहां पर साधु संतों ने कठोर तपस्या कर अपने मनोरथ पूर्ण किए है ऐसे ही एक अरण्य को नैमिषारण्य कहा गया है।
नैमिषारण्य वो जगह है, जहां पर प्रमुख वेद व्यास गद्दी है जहां पर विराजमान होकर महर्षि वेदव्यास ने 16 पुराणों की रचना की। यहां पर एक ऐसा स्थान भी है जिसे चक्रतीर्थ कहा गया है जिसकी कथा हमने वहां के प्रमुख आचार्यों के मुख से लाइव टेलीकास्ट की थी जिस का विवरण आप ऊपर लिखित लिंक में देख सकते है।