■■■शत!! शत !!नमन!!!!धन्यवाद!!!■■■■■■मेरे मित्रों को!!!!मेरे छोटे भाइयो को!!!!मेरे अग्रजों को… 28 मई को जन्मदिन के अवसर ने एक बार फिर मुझे हतप्रभ कर दिया है!!!!

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500के पार प्रेम और श्रद्धा से लबरेज शुभकामनाओ से भरे निश्छल संदेश!!!असंख्य लाइक!!!! जिनके लिए धन्यवाद देने के लिए शब्दों का जैसे अभाव सा हो गया…बस एक ही लॉजिक समझ मे आ रहा है कि दादी के जमाने की पुरानी कहावत है “आदमी जो बोएगा वही काटेगा वह भी 10 गुना ज्यादा!!!!
बैतूल में मेरे नियमित मित्रों में शामिल है “सेम वर्मा “आज से कई सालों पहले जब उन्होंने भारतवर्ष के पांचवें धाम की संकल्पना के साथ बालाजीपुरम की स्थापना के लिए निर्माण कार्य शुरू किए थे हुए,हमने भी प्रतिमाओ की प्राण प्रतिष्ठा में कंधो पर रखकर मूर्तियों को जलाधिवासअन्नावास करवाया उपवास रखकर बालाजीपुरम की स्थापना में भरपूर आध्यत्मिक सहयोग दिया….उस समय मेरे आध्यात्मिक रुचि से प्रभावित होकर सेम वर्माजी से मेरी मित्रता परवान चढ़ती चली गई और मैं बालाजी भक्त की भूमिका का निर्वहन मीडिया प्रभारी के प्रभार के साथ करता रहा इसी नियमित मित्रता के मध्य बंगले में बैठे बैठे एक दिन वर्माजी के जेहन में एक विचार आया कि क्यों ना हम एक ऐसा अखबार निकालें जिसमे सिर्फ ऐसी न्यूज़ हों जो सभी मे पीसीटीवीटी बढ़ाये!!! इस लाइन पर हम दोनों ने सर्वे भी किया लेकिन दोनो की अतिव्यस्तता के चलते ये कॉसेप्ट अच्छा होते हुए भी परवान नहीं चढ़ पाया!!!लेकिन मेरे अवचेतन में ये कॉन्सेप्ट घर कर गया था और मैंने राष्ट्रीय कल्चर नाम से उस समय की नयी टेक्नॉलोजी में शहर का पहला मल्टी कलरअखबार चमकीले ग्लेज पेपर पर निकालना प्रारम्भ किया… अखबार के प्रसंशको की तादाद बढ़नी शुरू भी हो गई लेकिन इसी बीच वेब पोर्टल न्यूज़ का कंसेप्ट आते ही मैंने राष्ट्रीय कल्चर को डोमिन नेम में पंजीकृत कर “वर्ड प्रेस ” चेनल में राष्ट्रीय कल्चर न्यूज़ पोर्टल में परिवर्तित करालिया ,वो भी इस शपथ के साथ कि ये पोर्टल एक “गुड़ न्यूज़ न्यूज़ पोर्टल” के बेसिक कॉन्सेप्ट को फॉलो करेगा!!!!और साहेबान इसी बेसिक सिद्धान्त चलते पाठकों ने राष्ट्रीय कल्चर में वो रुचि दिखाई की आज राष्ट्रीय कल्चर पोर्टल एक लाख 13हज़ार के हिट्स के साथ भारत एवम विश्व के कई देशों में अपनी पहचान बना चुका है ।राष्ट्रीय कल्चर के इसी कॉन्सेप्ट के चलते फ़ेसबुक और यूट्यूब में भी मित्रो की संख्या इतनी बढ़ती चली गई कि 5000 फ्रेंड्स लिमिटेशन को मेंटेन करने के लिए कुछ निष्क्रिय मित्रो को हटाने का अप्रिय कार्य भी करना पड़ता रहता है।पाठकों की अलग अलग रुचि का ध्यान रखते हुए मेरे सोशल मीडिया में धर्म कल्चर, हरबो कल्चर, नेचरो कल्चर, नीओ कल्चर, जैसे कई सेक्शन में जीवनोपयोगी जानकारियो का जखीरा हम नित्य अपटूडेट करते रहते है जिसके चलते फेसबुक ऒर वेब पोर्टल की 90 जानकारीया जीवनोपयोगी होती है और पाठको को हमेशा कुछ नया मिलने का विश्वास औऱ इंतज़ार बना रहता है।
बहरहाल राष्ट्रीय कल्चर के मेरे मित्रों को…मेरे फेसबुकियों को मेरे लाइव टेलीकॉस्ट के दीवानों को तहे दिल से शुक्रिया धन्यवाद ….

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