दोस्तों अंततः आज गुरुवार(2अप्रिल 2020 )वो दिन आ गया जब कॅरोना त्रासदी के लॉक डाउन के चलते पिछले नो दिन की व्यस्तता का आज समापन होने जा रहा है। नवरात्रि व्यस्तता का आलम ये रहा कि लॉक डाउन की पीड़ा से मैं ओर मेरी धर्म पत्नी शोभाजी पूर्णतया मुक्त रहे ।प्रातः 4बजे उठना ,हॉटवाटर थेरेपी करना,योग करना ,नहाना ओर मातारानी के पूजन अर्चन जाप आदि में व्यस्त होकर कब प्रातः 10 बज जाते थे पता ही नही लगता था फिर श्रीमती जी दोनो टाइम के उपवास की व्यवस्था में व्यस्त हो जाती थीं और हम अपने सोशलमीडिया मे…साथ ही दिन में ना सोने के कारण रात्रि 10 बजे के बाद ऑटोमेटिक खूब गहरी नींद !!!!अब कहेंगे कि उपवास के नाम पर खूब तला हुआ फलाहार ठूस लिया होगा!!!!तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि हम लोगों ने अनाज,तला हुए फलाहार एवम शकर ना खाने का ही उपवास किया था । इसके लिए श्रीमतीजी ने एक नई फलाहारी रोटी की खोज की थी जिसमे सिंघाड़े के आटे में भगर का आटा ऒर राजगिरे का आटा बराबर मात्रा में मिक्स कर इस मिक्स आटे के फुल्के रोटी रोज बनाई जाती थी वो भी प्रतिदिन शाम के समयऔऱ साथ मे कभी अदरक की चटनी, धनिया टमाटर की चटनी कभी फल्लीदाने की चटनी यानी सेंधा नमक भी 24 घण्टों में एक ही बार हम लोगों ने सेवन किया ।प्रतिदिन सुबह पूजा अर्चना के बाद बगैर शकर का दूध ,या लोकी,टमाटर का सूप, फीकी चाय का सेवन हमारे द्वारा किया गया जिसके फलस्वरूप जहां शरीर मे हल्कापन रहा वहीं आश्चर्यजनक वेटलॉस भी रहा…
अंततः कॅरोना लॉक डाउन में टाइम पास ना होने की आम शिकायत का एक अच्छा समाधन नवरात्रि की दिनचर्या में मिल गया है !!!अब ये ही दिनचर्या आगे भी मेंटेन रखेंगे बगैर उपवास के …
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