चरण स्पर्श करना या पैर छूना हिन्दू संस्कृति में सदाचार का प्रतीक….

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हमारे पूर्वजो और प्राचीन समय के विद्वानों की सबसे बड़ी खोज यह थी कि उन्होंने प्रकृति के कई रहस्यों को आज से हजारों साल पहले ही समझ लिया था.

वो भी उस दौर में जब आजकल जैसी वैज्ञानिक उन्नति नहीं थी.

हमारे ऋषि-मुनियों ने ऐसे सूक्ष्म रहस्यों को समझा, उनके महत्त्व को पहचाना फिर उन बातों को हमारी दिनचर्या में ऐसे जोड़ा कि वो हमारे संस्कार बनते चले गए.

अपने गुरुजन, बड़े-बूढों और माता-पिता का पैर छूना (Feet-touching) या चरण स्पर्श एक ऐसा ही संस्कार है.

आजकल लोग इस संस्कार का महत्व नहीं समझने की वजह से इसे नहीं करते या व्यर्थ की खानापूर्ति मान लेते है. लोग कहते हैं पैर छूने से क्या होता है ? आइये इसे समझते हैं.

पैर छूने का वैज्ञानिक/मानसिक कारण – Science Behind Feet Touching In India :

1) विज्ञान इस बात को सिद्ध कर चुका है कि हमारे शरीर के चारो तरफ एक आभामंडल (Aura) होता है. व्यक्ति की ऊर्जा-स्तर (Energy level) के अनुसार हर मनुष्य का आभा मंडल अलग ऊर्जा तीव्रता और अलग रंग का होता है.

2) यह आभा मंडल हमारे ऊर्जा, मानसिक शक्ति, इच्छा-शक्ति (Will power) और विचारो के प्रकार पर निर्भर करता है. हमारे विचारो और व्यव्हार के बदलने से इनमे भी परिवर्तन होता रहता है.

3) जैसे सकारात्मक या आध्यात्मिक सोच वाले व्यक्ति का आभा-मंडल का प्रभाव किसी पापी, अहंकारी व्यक्ति के आभामंडल से बिलकुल विपरीत होगा.

चरण स्पर्श (पैर छूना) के फायदे –

1) जब हम किसी का पैर छूते है तो इससे पता चलता है कि हम अपने अहम् से परे होकर उसके लिए गुरुता, सम्मान और आदर की भावना से चरण स्पर्श कर रहे है. किसी के समक्ष झुकना समर्पण और विनीत भाव को दर्शाता है.

2) जिसका हम चरण स्पर्श करते हैं, उस पर तुरंत मनोवैज्ञानिकअसर (Psychological effect) पड़ता है. उसके ह्रदय से प्रेम, आशीर्वाद और संवेदना, सहानुभूति की भावनाएं निकलती है जो उसकी आभामंडल (Aura) में परिवर्तन लाती है.

3) पैर छूने से हम उस व्यक्ति के आभामंडल से अपने आभामंडल में इन ऊर्जाओं को ग्रहण करते है जो हमारे मनो-मष्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव (Positive effect) डालती है. यह हमारे आभामंडल (Aura) को अधिक ऊर्जावान बनाती है.

4) चरण स्पर्श करने से हमें अपने नकारात्मक सोच-विचारों से मुक्ति दिलाती है. बड़े-बुजुगों के आशीर्वाद हमारे सौभाग्य में सहायक बनते है. शास्त्रों में कहा गया है कि बड़ों को नियमित प्रणाम करने से आयु, विद्या, यश, बल बढ़ता है.

5) भारतीय ज्योतिष में भी बताया गया है कि अपने से उम्र में बड़े-बुजुर्गों का चरण छूने से कई प्रतिकूल ग्रह-नक्षत्र अनुकूल हो जाते हैं.

6) सही ढंग से, अच्छी भावना के साथ चरण स्पर्श करना चाहिए जिससे कि वह व्यक्ति आपसे दिए गये सम्मान और आदर को अनुभव कर सके और उसके मन में आपके प्रति प्रेम और आशीर्वाद की भावनाएं उत्पन्न हो.

किसका चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए –

> एक बात यह ध्यान रखें कि जिसका आप पैर छुएँ वो अच्छे आचार-व्यवहार, आचरण वाले हों. यदि आपको लगता है कि वह व्यक्ति दुष्प्रवृत्ति का है तो उसका पैर छूने से लाभ नहीं होगा.

इसलिए हमें विवेक के साथ बड़ो के पैर छूना चाहिए और उनके आशीर्वाद (Blessings) का लाभ ग्रहण करना चाहिए

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