7,481 पाठको ने इस आलेख को सराहा हैंhttps://youtu.be/DdprOnqyNgw
जिज्ञासा कल्चर
आर्युवेद विरूद्ध एलोपैथी! गलत। आयुर्वेद(+)एलोपैथी! सही एवं दोनों ‘‘स्वतंत्र’!!!!
★★★★कोविड-19: ‘‘अनिश्चितता‘‘ की नीति से भरपूर!!★★★★★
7,923 पाठको ने इस आलेख को सराहा हैं■■■■राजीव खण्डेलवाल ■■■■■ (लेखक वरिष्ठ कर सलाहकार) देश में इस समय ‘‘लॉकडाउन की विभिन्न स्थितियों‘‘ के कारण
चुनाव परिणाम के तत्काल बाद बंगाल में हिंसा ! कौन जिम्मेदार ? कैसे रुकेगी ?
7,410 पाठको ने इस आलेख को सराहा हैंपश्चिमी बंगाल में परिणाम घोषित हुए अभी 72 घंटे भी पूरे नहीं हुए हैं , जहां मतों
अदार पूनावाला , कृष्णा एला, (सीरम एवं भारत बायोटेक) एवं एक मुनाफाखोर में कोई अंतर रह गया है क्या ? ■■राजीव खंडेलवाल■■■
(लेखक कर सलाहकार एवं पूर्व नगर सुधार न्यास अध्यक्ष हैं)
7,507 पाठको ने इस आलेख को सराहा हैं विगत दिवस वैक्सीन की “त्रिस्तरीय कीमत” के “तथाकथित औचित्य” को लेकर लेख लिखा था। देश के
छोटी छोटी बात को बड़ा इश्यू बनाकर हँसती खेलती गृहस्थी को डाइवर्स के कागार तक पहुंचाने वाले अपरिपक्व युगलों के लिए ये लेख एक सबक है!!!
6,712 पाठको ने इस आलेख को सराहा हैंविशाल नेटवर्क वाले “वर्ल्ड प्रेस” में पंजीकृत एवम कई देशों में अपनी विशेष पहचान बनाने वाले हमारे