बैतूल। केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार के विरोध में शनिवार जिला कांग्रेस कमेटी ने धरना प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने संसद में आम बजट में मध्यप्रदेश के साथ भेदभाव व सौतेला व्यवहार करते हुए 2677 करोड़ रुपए कम आवंटित किए हैं। भाजपा के 28 सांसद संसद में होते हुए भी चुप रहे जो प्रदेश की जनता के साथ धोखा है। श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर प्रदेश की जनता के हित में केंद्र की भाजपा सरकार की भेदभाव पूर्ण नीतियों के खिलाफ विरोध स्वरूप जिला मुख्यालय पर एक दिन का धरना प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों कांग्रेसियों ने दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक पुराने कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। श्री शर्मा ने बताया कि विगत वर्षो में केंद्र सरकार ने शेष एवं सर चार्ज बढ़ाकर काफी अधिक राजस्व संग्रहण किया है जिसकी समुचित हिस्सेदारी से वे राज्य वंचित हो रहे हैं जहां 15 वर्षों के भाजपा शासन के बाद कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार बनी है। लोकसभा चुनाव में प्रदेश से चुने गए 28 सांसदों में से एक ने भी प्रदेश के साथ हुए इस भेदभाव के विरुद्ध आश्चर्यजनक रूप से अपनी आवाज नहीं उठाई जो कि भाजपा की विकास विरोधी मानसिकता और प्रदेश की समृद्धि व उन्नति के प्रति उसके वास्तविक लगाव व भावना की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश की जनता के साथ किए गए इस धोखाधड़ी व जनता विरोधी फैसले का कांग्रेसी कार्यकर्ता पुरजोर विरोध करते हुए भाजपा की विकास विरोधी मानसिकता की पोल खोलेंगे।
गौरतलब है कि भाजपा की चुप्पी और केंद्र के भेदभाव दोनों ही गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस पार्टी ने विरोध स्वरूप मध्य प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश के हितों के विपरीत लिए गए उक्त द्वेष पूर्ण और तुगलकी निर्णय पर केंद्र सरकार को पुन: विचार के लिए बाध्य किया है। ज्ञापन में कांग्रेस कमेटी ने विकासशील संभावनाओं से भरपूर और उभरते हुए राज्य को उसके हिस्से की धनराशि दिलवाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष सुनील शर्मा, विनोद डागा, समीर खान, ब्रज पांडे, प्रकाश तायवाड़े, भगवान जावरे, नरेन्द्र मेहतो, नरेन्द्र वर्मा, नन्हें यादव, मनजोत सिंह, तरूण कालभोर, मोनु बड़ोनिया, राजकुमार मालवीय, शिवदयाल लोखंडे, विजय उपराले, मनोज पंडित, गुड्डा खातरकर, कमल परसाई, अंबिका मिश्रा, संजय अग्रवाल, मदन चौहान, अशोक राठौर, डोरेलाल पारधे, दुशन्त महाले, रमेश वर्मा, मुन्ना कोकास, मोनिका निरापुरे, असलम खान, मंगु सोनी, हांजी शेख असलम, महेन्द्र भारतो, इलियास खान, छुट्टु शर्मा, डब्बू जैन, शाबीर शाह, इसराइल खान, उकरम खान, रेवाराम रावत, सीमा अतुलकर, अनिल मगरकर, मोनु वाघ, राजेश गावंडे, बल्लु मालवीय, पवन शर्मा, राकेश शर्मा, बिट्टू शर्मा, रज्जू मालवीय, विक्की सिंह, वसीम खान, बिट्टू यादव, विकास सीनोटिया, मुकेश झारे, अजाबराव झरबड़े, विभाश पांडे, नरेन्द्र बड़ोनिया, भोला कांति, पिंटिश नागले, राजेश दोईफोड़े, नारायण खातरकर, ताहीर खान पार्षद, संजय साहू, सूरज मंडरे, राकेश लांजीवार, मोहसीन पटेल, रमेश भाटिया, रमेश गायकवाड़, रामशंकर साबले, सरदार दुबे, राघवेन्द्र मिश्रा, राजु गायकी, डॉ.कमल सोनी, रूपेश आर्य, अनिल भुसारी, रविन्द्र, रमेश वर्मा सहित अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे।
इसके अलावा कांग्रेसियों ने भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी के साथ किए गए अभद्र व्यवहार पर भी नाराजगी जताते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि श्रीमती गांधी सोनभद्र में आदिवासियों पर हुए नरसंहार के पीडि़त परिवार से मिलने जा रही थी किंतु मिर्जापुर प्रशासन द्वारा उन्हें बलपूर्वक मिर्जापुर में रोका गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में विपक्ष की आवाज दबाने और मानव विरोधी गतिविधियों का विरोध करने से रोका गया यह लोकतंत्र की दृष्टि में निंदनीय है कांग्रेसी पार्टी इसका घोर विरोध करती है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के भोपाल के पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह के द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को हिंसात्मक कार्रवाई की धमकी देते हुए सड़कों पर खून बहाने जैसे असंवैधानिक, अशिष्ट तथा अराजकता फैलाने जैसे बयान दिए गए हैं। इन घोषणा कर्ताओं से राष्ट्र को सावधान रहने की जरूरत है। ज्ञापन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ऐसे जन विरोधी नेताओं की बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग की है।