https://youtu.be/y9SdIAD9RPg
..भगवान परशुराम क्रोधी नहीं अत्यंत संवेदनशील आदिवासियों के मसीहा रहे है।
इतिहास का दुर्भाग्य ये रहा है कि जन-जन में लोकप्रिय ग्रंथ रामायण में भगवान परशुराम जी का परिचय मात्र इतना ही मिलता है कि जब राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयंवर में धनुष टूटने पर क्रोध से थरथर कांपते ,जनक सहित सभी राजाओं को धमकाते ,और चित्कार करते एक ऋषि का दर्शन होता है जो शिव धनुष भंग करने वाले को दंडित करने के लिए ततप्तर दिखते है जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम द्वारा शांत कर वापस कर दिया जाता है। जनमानस में क्योंकि रामायण ज्यादा लोकप्रिय रहा है इसलिए जनमानस को भगवान परशुराम का सिर्फ एक पक्ष क्रोध का दिखता है जबकि उनके दूसरे पक्ष को अगर देखें वह अत्यंत संवेदनशील आदिवासियों अनपढ़ लोगों के मसीहा ,घमंडी राजाओं एवं राक्षसों के दुश्मन, सिंगल मैन आर्मी ,हिमालय से लेकर नीलगिरी पर्वत तक एवं गोवा से महेन्द्रगिरि पर्वत तक पदयात्रा करने वाले अत्यंत अलौकिक संत रहे हैं देखिए इस लिंक को ओपनकर ऐसे अलौकिक संत के बारे देखिए विस्तृत विवरण ..
भगवान परशुराम जी
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सीता स्वयंवर
शिव धनुष भंग
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
भगवान परशुराम की कथा
आदिवासी संत परशुराम जी
राजाओं के दुश्मन परशुराम
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