नई पॉलिटिक्स: पीएम मोदी से जल्द मिलेंगे सुपरस्टार रजनीकांत  ……

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अगर सवाल हो कि क्या रजनीकांत राजनीति में शामिल होंगे और जवाब मिले कि राजनीति रजनीकांत में शामिल हो सकती है तो आपको शायद हैरानी नहीं हो क्योंकि रजनीकांत की लोकप्रियता को लेकर इस तरह की मजाकिया टिप्पणी सोशल मीडिया पर आम हैं।

पिछले कुछ साल में रजनीकांत के नाम और उनकी साख को बताने वाले ऐसे कई चुटकुले सोशल मीडिया पर चलते रहे हैं। लेकिन इस बार अभिनेता के राजनीति में जाने के सवाल पर गंभीर अटकलें चल रही हैं।

रजनीकांत ने जिस तरह के संकेत दिये हैं, उसके मुताबिक वह सियासी रुख अख्तियार कर सकते हैं। अगर यह सही हुआ तो तमिलनाडु की राजनीति में नये आयाम देखने को मिलेंगे। अपुष्ट खबरों के मुताबिक वह जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे।

पिछले सप्ताह अपने चहेते अभिनेता से मिलने यहां जमा हुए प्रशंसकों के बीच उस समय उत्साह देखने को मिला जब रजनीकांत ने उनसे कहा कि जंग के लिए तैयार रहिए। इसे उनके राजनीति में जाने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु की राजनीति में कई फिल्मी कलाकार अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। अब यह प्रदेश इस सुपर स्टार को स्वीकार करने के लिए तैयार लगता है।

फिल्मों और प्रशंसकों पर रजनीकांत का जादू सिर चढ़कर बोलता है। पिछले साल जुलाई में आई उनकी फिल्म कबाली ने करीब 650 करोड़ रुपये कमाए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद आई राजनीतिक शून्यता की स्थिति में रजनीकांत की यह टिप्पणी सही समय में की गयी मानी जा रही है।

रजनीकांत के प्रशंसकों को लगता है कि उनके तलाइवा या नेता इस खालीपन को भर सकते हैं।

जब बीते सोमवार को उन्होंने कहा कि उनकी कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं है लेकिन वे पैसे के ईद—गिर्द सोचने वालों को बाहर का रास्ता दिखा देंगे तो लगा कि उन्होंने भ्रष्टाचार पर आम आदमी की नब्ज को पकड़ने का प्रयास किया है।

हालांकि रजनीकांत के राजनीति में आने की संभावना को लेकर अन्य दलों के नेता इतने उत्साहित नहीं लगते।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीएमके नेता अंबुमणि रामदौस ने कहा, तमिलनाडु को किसी अभिनेता की नहीं बल्कि पढ़े—लिखे इंसान की जरूरत है।

मैं अब विशुद्ध रूप से तमिल हूं— रजनीकांत….
मराठी मूल के और कर्नाटक से तमिलनाडु में आकर बसे रजनीकांत खुद को सच्चा तमिल बताते हैं।

उन्होंने कहा, मैं कर्नाटक से हूं फिर भी आपने मुझे स्वीकार किया और आपने मुझे तमिलियन बना दिया। मैं अब विशुद्ध रूप से तमिल हूं।

रजनीकांत ने कहा था, अगर आप मुझसे बाहर जाने के लिए कहोगे और निकाल फेंकोगे तो मैं केवल हिमालय ही जाने वाला हूं और अन्य किसी राज्य में नहीं जाने वाला।

जब रजनीकांत की अपील से चुनाव हार गईं जयललिता!…
रजनीकांत के राजनीति में जाने की अटकलें कई सालों से चलती रही हैं। 1996 में जब उन्होंने जयललिता को वोट नहीं देने का आह्वान जनता से किया था तब भी उनके राजनीति में जाने की अटकलें चली थीं। उस चुनाव में जयललिता विधानसभा चुनाव हार गई थीं और द्रमुक ने जबरदस्त जीत हासिल की थी।

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