Aaj granth divas सृजन सखियों ने कविता के माध्यम से मानव द्वारा पृथ्वी पर किए जा रहे अनर्थ को बताया.!!!!! Shrimati. गुंजन खंडेलवाल के निवास पर आयोजित हुई हुई सृजन सखियों की मासिक बैठक …..


बैतूल। सृजन साहित्य कुंज की मासिक बैठक श्रीमती गुंजन खंडेलवाल के निवास पर आयोजित की गई। बैठक में पृथ्वी दिवस के अवसर पर सर्वप्रथम वसुंधरा को प्रदूषित होने से कैसे रोका जाए इस विषय पर विचार रखे गए। साथ ही प्रसिद्ध साहित्यकार प्रदीप चौबे और शेर जंग गर्ग जी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद विश्व ग्रंथ दिवस पर संस्कृत व हिंदी के ग्रंथों व श्लोकों पर चर्चा की गई। फिर शुरू हुआ कविताओं का दौर जिसमें मंजू लंगोटे ने मां मैं भी मां हो गई हूं कविता द्वारा मां की कोमल भावनाओं को उकेरा। मीना चांदे ने होना चाहिए द्वार हर एक अच्छाई का उजागर किया। अरुणा पाटणकर ने दर्द की गुंजाइश वहां होती है जहां दिल मैं किसी के लिए जगह होती है दर्द विदारक कविता सुनाई। विद्या निर्गुड़कर ने यह इश्क नहीं आसां, मिले तो मुश्किल ना मिले तो मुश्किल सुनाकर सखियों को हर्षाया। मीरा एंथोनी ने रातरानी की महक से लेकर दिल में उमड़ते भावों को भविष्य के सुंदर साकार होते सपने तक कविता से सबको पहुंचाया। सुमेधा सोमण ने लघु कथा खुशबू द्वारा रिश्ते की अहमियत बताकर सबको भावुक कर दिया। प्रतिभा देशपांडे ने बचपन से अब तक की खट्टी मीठी बातों को अपनी कविता यादें, यादें और यादें के रूप में प्रस्तुत किया। गुंजन खंडेलवाल ने वसुंधरा दिवस पर अर्थ और अनर्थ सुना कर मानव द्वारा पृथ्वी पर किए जा रहे अनर्थ पर रोशनी डाली। अंत में स्वादिष्ट स्वल्पाहार के साथ सृजन की वार्षिक बैठक करने की योजना बनाकर सबने विदा ली। बैठक में मधुबाला देशमुख श्रोता के रूप में उपस्थित रहीं।

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *