राष्ट्रीय कल्चर वेब पोर्टल को 1लाख 12हज़ार 500हिट्स पर पहुँचाने वाले मेरे सुधि पाठको, फेसबुक के 5000 अंतरंग मित्रो एवम वाट्सएप के मेरे अनन्य जिज्ञासु मित्रों आज मैं अपनी लाइफ की एक महत्वपूर्ण तारीख विशेष की खुशी के क्षणों
में आप सब को शामिल करना चाहता हूँ ।
आप सोचेंगे ये तो पर्सनल मेटर है इसे सार्वजनिक मंच क्यो!!!ऐसा इसलिये क्योकि आज हम अपने पुत्र एवम पुत्रियों को कॉपीटीशन की एक ऐसी अंधी दौड़ में शामिल कर दिया है जिसमे नैतिक जिम्मेदारियों के पाठ पढ़ाने में हम पूर्णतः पिछड़ते जा रहे है ।ये इवेंट इनिंनोसेन्ट बच्चों के लिए एक अच्छा मील का पत्थर साबित हो सकता ऐसा मेरा मानना है …
अस्तु …आज हमारे परिवार यानी पितामह पं.महेश दत्त सिद्दलाल मिश्र परिवार की वरिष्ठ एवम सबसे जिम्मेदार बड़ी बहू यानी श्रीमती शोभा मिश्र का आज जन्मदिन मनाने जा रहे है।
शोभाजी को “जिम्मेदार बहु “का खिताब मैने यूं ही नहीं दे दिया है।परिवार की दादी ओर अम्माजी ने जिन अच्छे संस्कारो की नींव डाली थी इस बहु ने उन्हें सींच कर बुलंद इमारत में परिवर्तित करने के लिए इन्होंने स्वयम को झोक दिया है।
इसी प्रकार हमारे पूर्वजों ने पवित्र धाम यात्रा को हमेशा महत्व दिया थ हम दम्पति ने जीवन मे धार्मिक यात्राओं को ज्यादा तबज्जो दी है आइये देखते है श्रीमती शोभा के लाइफ के वो अविस्मरणीय क्षण जिसमे, शक्ति पीठ यात्रा में चींचीं माता शक्ति पीठ, खजियार, कांगड़ा माता शिमला,डलहौजी, धर्मशाला चिन्तपूर्णा माता,ज्वाला माता, स्वर्णमंदिर एवम जलियांवाला बाग,एवम बागा बॉर्डर अमृतसर,कुल्लू एवम मानली, माँ कामख्यादेवी,वैष्णव देवी गोहाटी,चाय बागान दार्जलिंग, त्रि सागर संगम एवम शक्ति पीठ कन्याकुमारी दर्शन रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग दर्शन,अमरनाथजी यात्रा ,श्री गयाजी यात्रा एवम जगन्नाथपुरी कोर्णाक मंदिर दर्शन…एवम स्कूल कॉलेज के क्षण …..