मूसलाधार बारिश वाले श्रावण मास में चिलचिलाती धूप से भयभीत आदिवासी समुदाय पहुंचा “बड़ादेव” की शरण…..

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अच्छी वर्षा के लिए आदिवासियों में गोंडी रीति रिवाज से की बड़ादेव की स्थापना

सिर पर कलश रखकर आदिवासी महिलाओं ने निकाली भव्य शोभायात्रा
समारोह में आदिवासी युवा नेताओं ने समाज को एकजुट होने का दिया संदेश
बैतूल। इस साल मानसून किसान सहित आम लोगों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ल जुलाई माह में भी गर्मी और उमस बेहाल कर रही हैं। खरीफ की फसलें सूख रही हैं। इसको लेकर लोग बारिश के लिए इंद्र को मनाने पूजा-पाठ और टोने-टोटके कर रहे हैं। वहीं आदिवासी जिला होने के चलते आदिवासी समाज भी अपने गोंडी रीति-रिवाज व परंपराओं के अनुसार अच्छी वर्षा के लिए बड़ादेव को मना रहे हैं सोमवार ग्राम पंचायत पाढर क्षेत्र के आदिवासी समुदाय ने अच्छी वर्षा के लिए अपने आराध्य देव बड़ादेव की स्थापना कर अधिक से अधिक वर्षा की कामना की। बड़ादेव स्थापना समारोह में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के पुरुष महिला शामिल हुए। बड़ादेव स्थापना के पूर्व महिलाओं ने कलश शोभा यात्रा निकाली और नियत स्थान पर पहुंचकर गोंडी रीति रिवाज, संस्कृति और परम्पराओं के अनुसार आराध्य देव की स्थापना की।

इस मौके पर समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता कमलेश काकोडिय़ा ने अपने उदबोधन में कहा कि देश का विकास यदि करना होगा तो हर समाज के हर वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक स्वतंत्रता सरकार को देनी होगी और यह बात संविधान में भी निहित है। ज्ञान सिंह परते मीडिया प्रभारी ने समाज की स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि हमारा समाज विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है, जो हमारे पिछड़ेपन का मुख्य कारण है। उन्होंने समाज के विकास के लिए एकजुट होते हुए शिक्षा को मुख्य मार्ग बनाने की बात कही। उन्होंने कहा समाज को एक जुट होकर भाई-चारे के भाव से हर कार्य करना चाहिए और शासन की योजनाओं को आदिवासी समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति के पास जनजागरण के माध्यम से पंहुचाया जाना चाहिए ताकि समाज के लोगो का विकास बेहतर तरीके से हो सके। बलसिंह इवने ने कहा कि आज आराध्य देव की स्थापना से और समाज की आस्था से निश्चित रूप से आगामी दिनों में बारिश होगी। हमारा देश अनेक धर्मो को मानने वाला है अनेकता में एकता हैं। ईश्वर से कामना करते हैं कि जल्दी बारिश हो और किसान खुशहाल रहे और देश खुशहाल बने। इस धार्मिक अनुष्ठान में शिक्षक निरंजन उईके, शांतिलाल उईके, शिक्षक भिखारीलाल इवने, शिक्षक ब्रजलाल सलाम, शिक्षक राजेन्द्र कवड़े, सरपंच रामकिशोर धुर्वे, सरपंच कुंदन धुर्वे, युवानेता ज्ञानसिंह परते, कमलेश काकोडिय़ा, जगरसिंह धुर्वे, सचिव बलसिंह इवने, सचिव डॉ.सकाराम सिरसाम, भरत कड़ोपे, लवकेश मर्सकोले, सोहन नर्रे, रामरतन उईके, रामसिंह धुर्वे, पिंकेश, राजकुमार आदि सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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