■■■हमारे शरीर मे होते है सात चक्र जिन्हें जाग्रत कर कुंडलिनी जागरण तक साधना को सम्पन्न
कियाजा सकता है ■■■

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हम-आप अपने घरों में प्रतिदिन अपने आराध्य की पूजा अर्चना क्षमा, ,भोग आरती करते है वो अपने आराध्य के लिए औपचारिकता मात्र ही होती है।जिसे साधना के क्षेत्र में प्रायमरी पाठशाला माना जाता है।जबकि आराध्य की साधना की अगली सीढ़ी यज्ञ,जप एवम तप है जिसमे भक्त लगातार साधना से अपने चेतन एवम अवचेतन मन को एकाग्र कर अपनी कुंडलिनी जाग्रत करने का प्रयास करते है।कुँडलिनी जागरण की क्रिया में साधक अपनी एकाग्रता ,एवम जाप आवृति की साधना से प्रचुर ऊर्जा उत्तपन्न कर नीचे मूलाधार से स्पाइनल कॉर्ड से होते हुए
आह्नान चक्र अर्थात मस्तिष्क की ओर गतिमान होकर कुंडलिनी जागरण को प्राप्त हो जाता है।आइये अब जानते है अपने शरीर मे होने वाले चक्रों के बारे में !!!!!

मानव शरीर में चक्र – What Are The 7 Chakras In Body
हमारे शरीर में कुल 7 चक्र होते है जो हमारी जिंदगी के अलग-अलग पहलु से जुड़े होते है। हर चक्र का शरीर पर अलग प्रभाव पड़ता है। इन चक्रों के बारे में काफी लोग कुछ नहीं जानते है। यह सारे चक्र एक तरह के रहस्य से भरे है। आज की इस पोस्ट में हम आपको शरीर के 7 चक्रों के बारे में बताएँगे।

चक्र कैसे बैलेंस करे – How to balance Chakras
Chakra balancing एक कला है । 7 चक्र, मैडिटेशन की मदद से जागरूक किये जा सकते हैं । मैडिटेशन की मदद से हम अपनी इन्द्रिय को वश में कर सकते हैं ।

7 Chakra Healing
शरीर के इन 7 चक्र को जगा कर आप कोई भी बड़ी से बढ़ी बीमारी का इलज भी कर सकते हैं । बीमारी चाहे शरीर की हो या दिमाग की मैडिटेशन की मदद से आप इन 7 चक्र को जगा कर 7 chakra Healing थेरेपी इस्तेमाल कर सकते हैं

How to Activate chakras in human body
मानव शरीर में चक्रों को कैसे सक्रिय किया जाए
मूलाधार चक्र….
Chakra colours : लाल

यह हमारी बॉडी का सबसे पहला चक्र है। यह चरक गुदा और लिंग के बीच 4 पंखुरियों वाला आधार चक्र है। इसका रंग लाल होता है और इसके साथ जुड़ा तत्व पृथ्वी है। यह चक्र आपको बताता है की आप बिना डर के इस धरती पर रह सकते है। जिन लोगो की जीवन में भोग, सम्भोग और नींद की प्रमुखता है उनकी ऊर्जा इस चक्र के आसपास एकत्रित होती रहती है।
इस चक्र को जगाने की विधि
जब तक इंसान इस चक्र में है तब तक वह पशु सामान है क्योंकि भोग, सम्भोग और नींद के आगे भी एक जिंदगी है। इसलिए खुद पर संयम रखें और इस चक्र से बाहर निकलने की कोशिश करें। जब यह चक्र जगता है तो इंसान के भीतर वीरता और आनन्द का भाव आता है और वह जागरूक होने लगता है।
..स्वाधिष्ठान चक्र….?

Chakra colours : नारंगी

यह चक्र लिंग मूल से चार अंगुल उपर स्थित है जिसकी कुल 6 पंखुरियां है। इसका रंग नारंगी है और इसका संबध पानी से है। यह चक्र हमारे इमोशनल होने की पहचान बताता है। जब यह चक्र जागृत होता है तो हमें ख़ुशी, आनंद और सुखद महसूस करने की अनुमति देता है।
इस चक्र को जगाने की विधि
जिंदगी में मनोरंजन बहुत जरुरी है लेकिन हद से ज्यादा नहीं, क्योंकि अधिक मनोरंजन व्यक्ति की चेतना को बेहोश कर देता है। जब यह चक्र जागृत होता है तो आलस्य, क्रूरता और दुर्गुणों का नाश होता है।

मणिपुर चक्र…..
Chakra colours : पीला

यह चक्र हमारी नाभि से थोड़ा उपर स्थित होता है और इसका रंग पीला है। यह आग से जुड़ा हुआ है। यह चक्र आपके आत्मविश्वास को जगाता है और सामाजिक पहचान देता है।
इस चक्र को जगाने की विधि
इस चक्र पर ज्यादासे ज्यादा ध्यान लगायें और पेट से श्वांस ले। इसके जागृत होने पर लज्जा, भर, घृणा, क्लेश, कष्ट आदि से छुटकारा मिलता है।

अनाहत चक्र…..
Chakra colours : हरा

इसे हृदय चक्र भी कहते है और यह चक्र छाती के बीच में स्थित है। इसका रंग हरा है और इसका तत्व हवा है। यह चक्र आपको बिना शर्त प्यार महसूस करवाता है और प्यार दुनिया का सबसे अच्छा अहसास है।
इस चक्र को जगाने की विधि
दिल पर संयम करने और ध्यान लगाने से यह चक्र जागृत होता है। रात को सोने से पहले इस पर ध्यान लगायें। इस चक्र के जागृत होने पर आपमें प्यार का संचय होता है और आप खुद को सबसे सुरक्षित मानने लगते है।

विशुद्द चक्र…..
Chakra colours : नीला
यह चक्र गले में स्थित है और इसका रंग नीला है। इसका तत्व आवाज है। इस चक्र का मतलब है की आप बोलकर अपनी बात रखने के अधिकारी है।
इस चक्र को जगाने की विधि
कंठ में संयम और ध्यान लगायें। इसके जागृत होने पर भूख और प्यास को रोका जा सकता है और आपको 16 कलाओं का ज्ञान हो जाता है।

आज्ञाचक्र…..

Chakra colours : इंडिगो

यह चक्र तीसरी आँख के स्थान पर भोहों के बीच में स्थित है। इसका रंग इंडिगो है और तत्व प्रकाश है। जिस व्यक्ति की ऊर्जा यहाँ ज्यादा सक्रिय है वह बहुत बुद्दिमान और तेज दिमाग वाला है।
इस चक्र को जगाने की विधि
आप ध्यान को ललाट पर केन्द्रित करें। इस चक्र के जागृत होने पर सारी शक्तियाँ जाग जाती है और आदमी सिद्दपुरुष बन जाता है।यह भी पढ़ें दुकान पर ग्राहक बढ़ाने के उपाय

सहस्त्रार चक्र……
Chakra colours : बैंगनी
यह शरीर का सबसे आखिरी चक्र है जो की सिर पर स्थित होता है। इसका रंग बैंगनी है। यह मोक्ष का द्वार होता है।
इस चक्र को जगाने की विधि
लगातार ध्यान करते रहने से यह चक्र जागृत हो जाता है। इसके जागृत होने पर आदमी के लिए मोक्ष का द्वार खुल जाता है, क्योंकि इसमें कई तरह की अपार शक्तियाँ है।

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