उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी का विचरण बीच शहर से है।गोमती नदी के आगमन से शहर दो भागों में बट सा गया है।बरसात के अवसर पर अक्सर पानी शहर में घुस जाता था जिससे बचने के लिए एक लंबी प्रोटक्शन वाल ओर पुल का निर्माण पूर्व में कराया गया था जिसका ठेका मद्रास की एक कंस्ट्रकशन कॉम्पनी ने लिया था।लेकिन पुल का निर्माण आधे रास्ते मे ही रोकना पड़ा था क्योकि कोई भी कॉलम पकने से पूर्व ही टूट जाते थे। लोगो की सलाह पर साइट मैनेजर ने बीच रास्ते मे पड़ रहे हनुमान मंदिर के सिद्ध सेवक नीम करौली बाबा से मिलने की सलाह दी ।नीम करौली बाबा की सलाह पर इस हनुमान मंदिर का निर्माण किया गया जिसके बाद ही निर्माण कार्य सम्पन्न हो पाया था
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