हमेशा ज्योतिषियों को शक की दृष्टि से देखा जाता है।ऐसा माना जाता है कि जोतिष विद्या की आड़ में कई अज्ञानी गपोड़ीअनर्गल भविष्यवाणी कर जाते है लेकिन ज्योतिष ज्ञान पूर्णतया वैज्ञानिक और गणना पर आधारित है और भारत मे सैकड़ों ज्योतिषयों का ऐसा समूह काम कर रहा है जिनकी की गई भविष्यवाणी आज भी पत्थर की लकीर की तरह अडिग ओर सत्य साबित हुई है। एक कहावत है कि “सांची से ना जग चले झूठेे मिलिहि ना राम,का रहीम कैसे चले गढ़े दोउ काम” ,जो ज्योतिष विज्ञान का छात्र है वो अपनी विद्या गान से लोगों में अपनी धाक जमाने का लोभ संवरण से बाज़ नही आ सकता है … कुछ ऐसा ही हुआ उज्जैन के विक्रम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर साहब के साथ भी हो गया है। अपनी ज्योतिष ज्ञान में हासिल पारंगत ज्ञान के आधार पर प्रोफेसर राजेश्वर शास्त्री जी ने घोषणा कर दी कि भाजापा पार्टी 300 से अधिक सीट जीतेगी ….लेकिन उनकी ये भविष्यवाणी अब उनके गले की हड्डी बन गयी है । दरसल चुनावी अदर्शसंहिता के उल्लंघन करने के आरोप में विश्वविद्यालय ने उन्हें निलंबित कर दिया है।हालांकि बताया जारहा है कि कथित तौर पर प्रोफेसर राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर ने अपने एफबी पर डाली पोस्ट को अगले दिन ही हटा लिया था, साथ ही सफाई दी थी और माफी मांगते हुए कहा था कि उन्होंने जो दावा किया था, वह ज्योतिषीय आंकलन के आधार पर कहा था.
ज्योतिष ज्ञान के चक्कर मे आचार संहिता उल्लंघन में निलंबित हुए प्रोफेसर मुसलगांवकर……
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