उत्तर प्रदेश की राजधानी ऐतिहासिक लखनऊ शहर के मध्य में बहती गोमती नदी ने शहर को दो भागों में विभजित कर दिया है ।दोनो भागों को जोड़ने के लिए शहर के मध्य में एक बड़ा पुल बना हुआ है।
शहर के जानकार बताते है की आज से तकरीबन 30-35वर्ष पूर्व एक ब्रह्मऋषि हनुमान के साक्षात अवतार माने जाने वाले नीम करोरी बाबा ने एक हनुमान मंदिर निर्माण कर अपनसाधन स्थल बनाया था।जब यह सेतु निर्माण मद्रास की एक फर्म द्वारा किया जा रहाथा तब यह मंदिर मध्य में पढ़ रहा था और इसके ऊपर बने सभी कलम और बीम बार बार स्वतः ही टूट जा रहे थे किसी भी यत्न से मंदिर को क्रॉस कर पुल आगे नहीं बन पा रहा था।तब बाबा नीम करोरी की सलाह से कन्स्ट्रक्शन कम्पनी के मालिक ने उस मंदिर में संकल्प लिया कि वह सेतु पर ही भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण करेगा..इस संकल्प के बाद पूरा पुल सफलता पूर्वक बन गया और उस फर्म ने सेतु हनुमान के नाम से भव्य मंदिर का निर्माण करवा दिया है…आइये राष्ट्रीय कल्चर सेल्फी रिपोर्ट के माध्यम से देखिए भव्य दर्शन …